तेरे हवाले जीवन की नैया॥ जैसे सँभाले तेरी मर्जी कन्हैया॥
भोरी भारी सुकुमारी बरसाने वारी राधे मेरी प्यारी प्यारी बरसाने वारी राधे रसिकन जन प्यारी बरसाने वारी राधे तुझसा सुन्दर कोई फ़साना नहीं यूँ ही दिल हमारा तेरा दीवाना नहीं…
दरबार अनोखा सरकार अनोखी, खाटू वाले की हर बात अनोखी.
मेरे बाबा कहते है … मत सोच की तेरा सपना क्यों पूरा नहीं होता हिम्मत वालो का इरादा कभी अधुरा नहीं होता जिस इंसान के कर्म अच्छे होते है उस…
सांवरियाँ…..खुद को तुमसे जोड़ दिया..बाकी तुम पर छोड़ दिया..
एक बार सिर्फ गले लग कर रो लेने दो ना श्याम...??? इस दुनिया के में अब सिर्फ एक तेरी बाहों का सहारा लेने दो ना श्याम....?? जय श्री श्याम ये…
जय श्री श्याम कहते कहते,यु ही जीवन बिताना है… हे खाटूवाले, तुझे छोड़ के अब हमें कभी भी न जाना है..
लाखों भटकते हैं, पर वो एक मंजिल दिखलाता है, लाखों रोते बिलखते हैं, वो आंसू पोंछने आता है, दिल में उठती जो दुआ, एक पल में ही सुन जाता है,…
मेरे कान्हा…..खुद को तुमसे जोड़ दिया…बाकी सब तुम पर छोड़ दिया।।
सांवरे.... मुझे तो तेरी प्रीत ने मशहूर कर दिया, वरना मैं सुर्खियों में रहूँ मेरी इतनी औकात कहाँ.. ?#जयश्रीश्याम ? काश हमारे ठाकुरजी ने हमें अपना आंसू बनाया होता, हमें…
वैसे तो कोई बुरी आदत नहीं “मेरे श्याम” , बस आपको याद करने की थोड़ी लत लग गयी है
साँवरे✍? कैसे उतारें साँवरे तेरा रूप लफ्जों में किसी कलम में कहाँ वो ताकत बसी है.... मेरे दिल में बसी इबादत हो तुम तेरी रहमत के कारण अधरों पे हँसी…
तेरे चरण की धूल जो पाए “कान्हा” , वो कंकर हीरा हो जाये
मेरे श्याम ....... केवल इतना बता दो.. मुझे जो .. हिचकी आती है तुम याद करते हो.. या डॉक्टर से .. जाँच कराऊँ✍ हारे का साथी ये तो, मेरा है…
भाव के भूखे प्रभु, और भाव ही बस सार है, भाव से अर्पण करो, तो पुष्प भी स्वीकार है
साँसों में तेरा नाम समाया है, दिल के एक कोने में तेरी याद को बसाया है..! भर आती है मेरी आँखें इस सवाल पर, मेरे कान्हा जी तुमने मेरे घर…
जब भी मैं बुरे हालातों से घबराता हू, तब मेरे श्याम की आवाज आती है “रुक मैं आता हूँ”
किसी ने कहा ---जब हर कण कण मे भगवान है तो तुम मंदिर क्यूँ जाते हैं। बहुत सुंदर जवाब हवा तो धुप में भी चलती है पर आनंद छाँव मे…
फिक्र करता है क्यूँ ? फिक्र से होता है क्या ? रख भरोसा “श्याम” पे..फिर देख होता है क्या..
??प्रेम प्रेम की रट लगी ,मर्म ना जाने कोय ! देह पिपासा जब जगी, गए देह मे खोए !! मीरा का भी प्रेम था , गिरधर मे मन प्राण !…