हे साँवरिया… आपके हृदय में, मुझे उम्रकैद मिले.. थक जायें सारे वकील, फिर भी जमानत ना मिले !!
🙏कन्हैया ......... तुम्हे जिद है ना आने की तो........ हमें जिद है बुलाने की ........ तुम्हे आता है रूठ जाना तो....... हमें हुनर है मनाने की ....... ये इश्क की…
नींद छीन रखी है मेरी,तेरी यादों ने ‘श्याम’, गिला तेरी दुरी से करूँ या अपनी चाहत से..!!
मिश्री भी फीकी लगे अब, फीको गुड़ को स्वाद.! " श्याम" से प्रीत हुई जबसे और चखों प्रेम को स्वाद !! जय श्री श्याम भाव भरे हों आँख में आँसू…
अ से अनार,आ से आम। मिलकर बोलो जय श्री श्याम।।
बन कर मेरा साया ....मेरा साथ निभाना "मेरे श्याम " मैं जहाँ - जहाँ जाऊं .......तुम वही - वही आना " मेरे श्याम "| साया तो छोड़ जाता है .....साथ…
वो शरीर ही किस काम का… जो नाम ना ले श्याम का…
"चूम "लू उस" राह "को जो तेरे "दर" पे लेके जाती है। "टेक "लू" माथा "उस हर "मोड़" को जो तेरे "दर "का "रास्ता" बताती "है "वार" दू अपनी "जिंदगी…
मत लेना साँवरे परीक्षा हमारी, बिन तेरे क्या है हस्ती हमारी साथ ऐसा मुझे दे दे मेरे साँवरे सजी रहे सदा बगिया हमारी
ये दुनिया जिस ढाई अक्षर के , नाम मे उलझी है..! लोग उसे प्यार कहते है.... और हम जिस ढाई अक्षर मे उलझें है , उसे श्याम कहते है..!! जय…
मत लेना साँवरे परीक्षा हमारी, बिन तेरे क्या है हस्ती हमारी, साथ ऐसा मुझे दे दे मेरे साँवरे, सजी रहे सदा बगिया हमारी
?? खाटू मे बैठा बाबा, सबकी बिगड़ी बनाएगा, ना कर चिंता परिवार की, ना कर चिंता करोबार की.. सब कुछ देने वाला ये ही है, बैठे बैठे सारे काम बनाएगा,…
किस्मत के सहारे मुझे ना छोड़ना मेरे *श्याम* मुझे तेरी रहमत के सिवा किसी और पर यकीन नहीं…
खाटू मे बैठा बाबा, सबकी बिगड़ी बनाएगा,* *ना कर चिंता परिवार की, ना कर चिंता करोबार की..* *सब कुछ देने वाला ये ही है, बैठे बैठे सारे काम बनाएगा,* *जो…
“श्याम” नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे काम बनेंगे उसके सारे जो एक बार “जय श्री श्याम” बोले दे
प्यार का मकान है तेरे हाथ में, कभी आराम तो कभी तूफ़ान है तेरे हाथ में, राधा का हाथ देख कर कहा था ज्योतिष ने, तु भले ही गोरी है…
गज़ब के खरीदार हो तुम कान्हा , बस यूँ मुस्कुरा देते हो और हम बिक जाते है
हे मेरे बिहारीजी सभी तीर्थ एक बार करने से मन को तसल्ली हो जाती है पर आपकी चोखट पर हमारी नज़रें हमेशा लगी रहती हैं ऐ मेरे प्यारे कभी आप…
मन तुलसी का दास हो , वृन्दावन हो धाम , सांस – सांस राधा बसे , रोम रोम में श्याम
करू, बस इतनी सी इल्तजा है मेरी तुझसे मेरे दाता , जिस हाल मे रहू, जहाँ भी रहू, जिक्र तेरा और शुक्र तेरा ही करूं ...?? मेरे गोपाल ???मुझे एक…